Monday, September 15, 2025
Engineer's Day अभियंता दिवस ,
Sunday, September 14, 2025
हिंदी दिवस की shubhkamnaaye
Saturday, September 13, 2025
संघर्ष ने रोका नहीं, सँवारा है
Friday, September 12, 2025
नैन से नैन
Thursday, September 11, 2025
हम तो एहसास हैं ज़ंजीरों में नहीं आएंगे।
आदरणीय शिक्षक
प्रेम कविता, हमने फूल भेजा
जीवन ज्योति
Sunday, June 20, 2021
विरह ,मीत,वेदना
मीत विरह की वेदना ऊर्जा से भरपूर.......
मिलने को मैं उड़ चला लाख गगन हो दूर.......
@सर्वेश
आदरणीय पिता...एक सुखद छाया
जब मैं खुद पिता की भूमिका में आया,
तभी तो मैं अपनी पिता की भूमिका को समझ पाया।
पिता के भी एहसास माँ के एहसासो से कम थोड़े है।
पिता के अहसास तो एक पतली किन्तु सख्त चादर ओढ़े है।
माँ मेरी एक सफलता पर तो खुशी के आंसू बहाती है,
पूरे मोहल्ले और रिश्तेदारों को बताती है ।
तब पिता का कुछ ना बोलना, मन को मेरे दुःखता था
व्यग्रता से सोचता था कि वो कैसे बन्दे है
पर बाद में पता चलता है की,
मेरी हर सफलता के नीचे उन्ही के तो कंधे है ।
लगती है चोट मुझे तो माँ दौड़ कर आती है
अपने स्नेह का लेप वो लगाती है।
लेकिन वहीं पर पिता की दृढ़ता हमको नही भाति है,
लेकिन सत्य यही वही सख्ती हम को बहुत मजबूत बनाती है ।।
माँ संस्कार तो पिता दिशा देते है।
दिशा होती है तो गति मिलती है,
और जब गति होती है प्रगति मिलती है। । @सर्वेश २०/०६/२०२१
Tuesday, May 8, 2018
Wednesday, April 6, 2016
इशारा है काफी समझ आप जाए
Tuesday, July 27, 2010
ह्र्दय, तडप और प्यास कविता का अहसास
सरल सहज शब्दो को लेकर
ह्र्दयस्पर्शी कविता गडूगा
खुब तलाशे शब्द मैने, पढी
खुब कविताये
कुछ तो हम खुद समझ गये
कुछ वक्त ने समझाये
शब्दो का भन्डार अनुपम
गर्व से मै भर गया
उत्कृष्ट शब्दो से कविता
को मैने भर दिया
शब्द ग्यान के गर्व ने
कविता को नीरस कर दिया
ना दे सका आकार स्वप्न को
जो बचपन मे मैने थे बनाये
ह्र्दय तो खण्डित हो चुका
रात भर अश्रु बहाये
गर्व तो अब मर चुका था
तब मन को हुया अह्सास
कबिता को गुनने के लिये
हो ह्र्दय, तडप और प्यास
-सर्वेश -