Thursday, October 30, 2025

विरह का दर्द

वर्षा ऋतु में मनवा बोले,
प्रिय बिन मन न लागे।
दो घड़ी की हुई विरह मे,
दर्द बरस का  लागे।
  ...... सर्वेश
३०/१०/२०२५

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