Friday, September 12, 2025

नैन से नैन

नैन से नैन मिलेंगे तो अधरों का मिलना तय है,
मिल दो अस्तित्व  एक बने, तब दोनों का खोना तय है।

चाँदनी रात में जब रूह का राग जागेगा,
संगम का हर पल अमृत-सा पीना तय है।

 आँच जुदाई की कितनी भी बढ़ जाए,
मिलन की बारिश से उसका बुझना तय है।

वक्त की आँधियाँ चाहें जितनी भी  बहे,
प्रेम के दीपक का उजियारा देना तय है।

रात की जद में तेरी यादें जब दस्तक देती हैं,
सपनों के गलियारे में तेरा उतरना तय है।

तेरे बिना अधूरी लगती है हर सांस की धड़कन,
तुझसे मिलने पर जीवन का सँवरना तय है।

तेरी मुस्कान से बहारों का मौसम खिल उठता है,
सुनसान दिल में फूलों का महकना तय है।

तेरे लफ़्ज़ों में मिलता है मुझे खुदा का नूर,
तेरे इश्क़ में रूह का तृप्त होना तय है।

तेरे बिना हर रंग अधूरा, तेरे संग बहारें पूरी,
इश्क़ के मौसम में दिल का गुलशन खिलना तय है।

जब हाथ से हाथ छुए तो धड़कन बढ़ना तय है,
पलकों की छाँव तले सपनों का पलना तय है।

सर्वेश के अल्फ़ाज़ हैं बस इतना जान लो,
आत्मा से आत्मा मिले तो अनन्त का होना तय है।

     .... सर्वेश दुबे

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