मन की बाते -

मन मे उठने वाले तरगो को शब्दों मे समेटना

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Servesh Dubey
कानपुर, उत्तर प्रदेश, India
प्रिय मित्रो नमस्कार , कानपुर, एक साहित्यक नगरी जहाँ बचपन से लेकर पहली नौकरी तक आनद लिया । मेरा ग़ाँव गोरखपुर जिसकी माटी कि महक आज भी महसूस करता हू और कानपुर, उसकी याद , बचपन की शैतानियां, दोस्तो के साथ की गयी हँसी ठिठोली सब तो अभी भी आखो मे घूमती है। बचपन के दोस्तो की याद अभी तक दिल मे है। मिले हुये एक लम्बा अरसा और दिल मे ये आस कि शायद फ़िर हम सब दोस्त मिलेगे और वही मस्ती का आलम होगा कुछ देर / दिनों के लिये हे सही । बचपन से आज तक जो खुशी अपने दोस्तो के साथ मिलती थी वो मुझे राष्ट्रीय पुरस्कारो से मिली खुशियो से अधिक लगती है HBTI Kanpur से M.Tech करने के पश्चात manufacturing field मे कार्यरत हू । वर्तमान मे हल्दिया मे फैक्टरी महाप्रबन्धक के पद पर कार्यरत हू। कविता पढना मुझे बहुत पसन्द है और मन के भावो को शब्दो के रूप मे उतारने का प्रयास्- शायद येही कविता का रूप ले लेती है।
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Friday, May 22, 2009

मन की बाते - love and heart: छोटी छोटी बातो से रिश्ते मरा नही करते है1

Servesh Dubey , Kanpur , HBTI Kanpur,
Posted by Servesh Dubey at 11:41 AM

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